अधिकारी व कर्मचारी आपसी ताल मेल से कार्य करें।जिलाधिकारी धीराज गर्व्याल।

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रिपोर्ट । ललित जोशी छायाकार धर्मा चन्देल
नैनीतल। जिलाधिकारी धीराज गर्व्याल ने अधिकारी व कर्मचारी आपसी तालमेल से कार्य करें । यहाँ बता दें कृषि तथा आर्थिकी विकास संसाधनों से जुड़े सभी अधिकारी व कर्मचारी आपसी तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने विकास भवन सभागार में जिला योजना, राज्य योजना तथा केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा करते हुए दिये।
जिलाधिकारी श्री गर्ब्याल ने कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य तथा डेयरी विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि सभी अधिकारी व कर्मचारी आपसी तालमेल से कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में कलस्टर आधारित व इन्टीग्रेटेड फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाये तथा पहाड़ी बेमोसमी व नगदी फसलों को बढ़ावा दिया जाये। उन्होंने पोलीहाउस निर्माण कार्य में तेजी लाने, पोलीहाउस गुणवत्तायुक्त बनाने, पोलीहाउस आवंटन में कलस्टर पर ज्यादा ध्यान देने, जनपद में लीलियम की खेती को बढ़ावा देने, जिला योजना की धनराशि में जिला स्तर से ही तुरन्त टेण्डर करते हुए सम्बन्धितों को शीघ्रता से योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश मुख्य उद्यान अधिकारी को दिये।
जिलाधिकारी श्री गर्ब्याल ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान पशुपालकों को अधिक से अधिक लाभांवित करने हेतु जनपद की उचित कार्य योजना तैयार करने, जानवरों की अधिक संख्या वाले क्षेत्रों में कार्मिक प्राथमिकता से रखने, कुक्कुट पालन के अन्तर्गत अधिक से अधिक पात्रों को चूज़े उपलब्ध कराने, प्रत्येक ब्लाॅक में मदर डेयरी यूनिट लगाने, सामूहिक कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देने के निर्देश मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को दिये। उन्होंने मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान तालाब निर्माण कार्य में डबटेलिंग करने, मौना में प्राथमिकता के आधार पर तालाब निर्माण कराने तथा कलस्टर अपरोच पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये। उन्होंने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान परम्परागत तथा आॅर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के उत्पादों के लिए उचित मार्केटिंग की व्यवस्था करने, आई एम ए विलेज योजना के अन्तर्गत चिन्हित गाॅवों पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश मुख्य कृषि अधिकारी को दिये।
उन्होंने लोनिवि, ग्रामीण निर्माण विभाग, जल संस्थान, पेयजल निगम, सिंचाई आदि विभागों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि निर्माणाधीन विकास योजनाओं में किसी भी प्रकार लापरवाही बरदाश्त नहीं की जायेगी तथा योजनाओं को समयबद्धता व गुणवत्ता से पूर्ण किया जाये। उन्होंने टैण्डर प्रक्रिया वाली योजनाओं का तत्काल टैण्डर लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने चिकित्सा विभाग को जैम पोर्टल के माध्यम से आवश्यक सामान तुरन्त खरीदने के निर्देश दिये।
बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी एलएम जोशी ने बताया कि जिला योजना के अन्तर्गत शासन द्वारा अवमुक्त धनराशि 35 करोड़ 11 लाख के सापेक्ष 19 करोड़ 33 लाख की धनराशि व्यय हो चुकी है जोकि 55 प्रतिशत है। राज्य सैक्टर के अन्तर्गत अवमुक्त धनराशि 92 करोड़ 21 लाख के सापेक्ष 43 करोड़ 53 लाख की धनराशि व्यय हो चुकी है जोकि अवमुक्त धनराशि का 47 प्रतिशत है। केन्द्र पोषित योजना के अन्तर्गत 92 करोड़ 12 लाख के सापेक्ष 50 करोड़ 24 लाख की धनराशि व्यय हो चुकी है जोकि 55 प्रतिशत है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डाॅ.सन्दीप तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी भागीरथी जोशी, परियोजना निदेशक अजय सिंह, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी एलएम जोशी, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, मुख्य कृषि अधिकारी धनपत कुमार, मुख्य उद्यान अधिकारी भावना जोशी, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संतोष कुमार उपाध्याय, जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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