स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी के महासमाधि दिवस पर मिशन जा कर श्राद्धाजंलि अर्पित की धस्माना ने अदभुत व अलौकिक व्यक्तित्व था स्वामी जी का-सूर्यकांत धस्माना

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देहरादून: स्वामी विवेकानंद के गुरु और अध्यात्म क्षेत्र के विश्व विख्यात संत पूज्य स्वामी रामकृष्ण परमहंस की महासमाधि दिवस पर आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राजपुर स्थित रामकृष्ण मिशन के आश्रम व स्वामी विवेकानंद नेत्रालय पहुंच कर स्वामी रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद व मां शारदा की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्राद्धाजंलि अर्पित की व आश्रम व अस्पताल में चल रही गतिविधियों का स्वामी असीमात्मानंद जी के साथ निरीक्षण किया तथा प्रार्थना सभा में भाग लिया। इस अवसर पर श्री धस्माना का आश्रम परिसर पधारने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वामी असीमात्मानंद जी ने कहा कि मिशन अपना निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहा है और इसीलिए राज्य की सरकार ने कोविड काल में अस्पताल द्वारा बिना कोई शुल्क लिए कोविड मरीजों का इलाज किया। उन्होंने बताया कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मिशन आंखों के इलाज के लिए पूरी लगन से सेवा कर रहा है।
इस अवसर पर श्री धस्माना ने कहा कि स्वामी रामकृष्ण परमहंस व स्वामी विवेकानंद के सबसे बड़े संदेश ही मानवता के लिए हैं और वो भी बिना भेद भाव के। श्री धस्माना ने कहा कि एक बार किसी जिज्ञासु ने स्वामी विवेकानंद जी से पूछा कि स्वामी जी आपका धर्म क्या है तो स्वामी जी ने उत्तर दिया कि ” अगर मेरे देश का कोई श्वान भूखा है ,तो उसको भोजन देना,उसका ध्यान देना मेरा धर्म है अन्यथा सब अधर्म है।” श्री धस्माना ने कहा कि पूरे देश में मिशन जो सेवा का काम कर रहा है वो बेजोड़ है।
इस अवसर पर स्वामी स्वस्वरूपानंद जी,श्री हिमांशु दरमोड़ा जी ,डॉक्टर मानसी पोखरियाल,डॉक्टर कुणाल शिंडे भी उपस्थित रहे।

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