रिपोर्ट ललित जोशी सहयोगी धर्मा चन्देल।
मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा दिये जाने की जायेगी पहल। पूर्व सांसद अधिवक्ता महेंद्र पाल।
नैनीताल । सरोवर नगरी नैनीताल में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ द्वारा 31 अक्टूबर को नैनीताल में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड वन्य स्थानों पर हुए गोलीकांड के दोषियों को सजा दिलाये जाने के सम्बंध में संवैधानिक विचार मंथन हेतु वृहद विचार गोष्ठी आयोजित की जा रही है । इस विचार मंथन में प्रदेश भर के वरिष्ठ आंदोलनकारी नेता व अधिवक्तागण हिस्सा ले रहे हैं ।
नैनीताल में पत्रकारों से वार्ता मेंआंदोलनकारी अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रमन शाह ने बताया कि मुजफ्फरनगर कांड के मुख्य आरोपी तत्कालीन जिलाधिकारी अनन्त सिंह व डी आई जी बुआ सिंह हैं । जिन्हें सजा दिलाये जाने को लेकर आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ संघर्षरत है ।
आन्दोलनकारी संगठन विगत 28 वर्षों से मुज्जफरनगर रामपुर तिराहे में हुए जघन्य हत्याकाण्डका व महिला उत्पीडन से सम्बन्धित मामलों में देश के विभिन्न न्यायालयों में विधिपूर्वक न्याय पाने हेतु राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताये गये रास्तों का अनुशरण कर प्रयत्नशील है । उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने अपने निर्णय में प्रशासन द्वारा किये गये अपराधों को उत्तराखण्ड के मानवाधिकारों का हनन मानते तत्कालीन सरकार को हर्जाना अदा करने के आदेश पारित किये । आज भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में उत्तराखण्ड से सम्बन्धित अपराधिक वाद लम्बित हैं। इन मुकदमों की कानूनी वैधानिकता व अदालतों में इन मामलों की पुरजोर पैरवी के लिये रणनीति बनाने हेतु 31 अक्टूबर को नैनीताल क्लब में आंदोलनकारियों की बैठक बुलाई गई है । जिसमें संवैधानिक विचार मंथन किया जाएगा । जिसमें बड़ी संख्या में आंदोलनकारी हिस्सा ले रहे हैं । इस मौके पर पूर्व सांसद डॉ0 महेंद्र पाल ने कहा कि आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ ने मुजफ्फरनगर कांड से सम्बंधित सारे रिकॉर्ड इकट्ठा किये हैं और मुख्य आरोपियों को सजा दिलाये जाने हेतु नए सिरे से कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी । उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों को मिले दस फीसदी आरक्षण की स्थिति व राज्य आंदोलनकारियों की अन्य मांगों पर भी चर्चा की ।
पत्रकार वार्ता में वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभाकर जोशी, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सैय्यद नदीम मून, पूर्व उपाध्यक्ष पूरन रावत, भगवत नेगी, रवींद्र बिष्ट, श्री बंसल, के एन पांडे, भुवन रावत सहित हाईकोर्ट के कई अधिवक्तागण मौजूद थे ।