Train Accident:पापा का फोन बंद आ रहा है, कपकपाती आवाज में बेटी ने बताई दर्दभरी कहानी

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Coromandel Express Accident: पापा का फोन बंद आ रहा है, कपकपाती आवाज में बेटी ने बताई दर्दभरी कहानी

हादसे के बाद एक-एक कर कई परिवारों की दर्दनाक दास्तां सामने आ रही है. कोई अपने पति का इंतजार कर रहा है तो कोई अपने पिता का. लेकिन उनका इंतजार है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा.

पापा का फोन बंद आ रहा है. उनका कोई पता नहीं. काफी बार फोन मिलाया लेकिन कोई खबर नहीं मिली….” पिता की चिंता में डूबी बेटी की आवाज हर शब्द में कांप रही थीं. शुक्रवार शाम 7 बजे यानी घटना से महज 20 मिनट पहले ही उसने अपने पिता से आखिरी

ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे ने एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों परिवारों की जिंदगी लिए तबाह कर दी. इस रूह कंपा देने वाले हादसे का शिकार हुए लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. दूसरी तरफ है उनके परिवार जिनका चिंता में रो-रोकर बुरा हाल है. एक-एक कर इन परिवारों की दर्दनाक दांस्ता सामने आ रही है. ऐसी ही एक दास्तां पश्चिम बंगाल के चंद्रकोना में रहने वाले परिवार की है. उनके परिवार के बिजन मंडल उसी ट्रेन में थे जो शुक्रवार शाम हादसे का शिकार हुई.

हादसे की खबर मिलते ही बिजन मंडल का पूरा परिवार सदमे में है. बिजन मंडल यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सवार थे. वह अपना इलाज करवाने कटक गए हुए थे और वहां से घर वापस लौट रहे थे. ट्रेन हादसे की खबर मिलने के बाद से ही परिवार उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश कर रहा है लेकिन उनका फोन लगातार स्वीच ऑफ है.

महिला संबंधी का भी कोई पता नहीं

उनके साथ ट्रेन में एक महिला संबंधी भी मौजूद थी. उनका भी कोई पता नहीं चल पा रहा है. जब काफी बार फोन मिलाने के बाद भी कोई संपंर्क नहीं हो सका तो परिवार ने स्थानीय प्रशासन से संपर्क किया. वहां से उन्हें ट्रोल फ्री नंबर मिला. ट्रोल फ्री नंबर पर फोन करने के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिल सकी.

बिजन मंडल की पत्नी और बेटी दोनों चिंता में डूबे हुए हैं. उनके परिवार का एक सदस्य जानकारी लेने के लिए कार से खड़गपुर पहुंचा है. इस बीच परिवार को बस इतना ही पता चल पाया है कि बिजन मंडल ठीक नहीं है. उन्हें ट्रेन से बाहर निकाला गया है कि नहीं, अस्पताल में भर्ती कराया गया है कि नहीं, किसी को कुछ नहीं पता. परिवार की नजरें दरवाजे पर हैं और बिजन मंडल की बस एक झलक को तरस रही हैं.

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