समय से निकाय चुनाव न कराये जाने को लेकर शहरी विकास प्रमुख सचिव को भेजा हाईकोर्ट ने अवमानना नोटिस। 11 जून को होंगे तलब।

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रिपोर्ट। ललित जोशी/ हर्षित जोशी।

नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल उत्तराखंड हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव की तय सीमा समाप्त होने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा समय पर निकाय चुनाव न कराए जाने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के शहरी विकास के प्रमुख सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी कर 11 जून तक स्थति स्पष्ट करने के निर्देश दिए है।
मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 11 जून की तिथि नियत की है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार को नोटिस सर्व करा दिए गए हैं। बता दे कि जसपुर निवासी व अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर पालिकाओं व नगर निकायों का कार्यकाल दिसम्बर माह में समाप्त हो गया है।
लेकिन कार्यकाल समाप्त हुए एक माह बीत गया है फिर भी सरकार ने चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित नही किया। उल्टा निकायों में अपने प्रशासक नियुक्त कर दिए।

प्रशासक नियुक्त होने की वजह से आमजन को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि निकायों के चुनाव कराने हेतु सरकार को याद दिलाने के लिए पूर्व से ही एक जनहित याचिका कोर्ट में विचाराधीन है।
जनहित याचिका में कहा है कि सरकार को कोई अधिकार नही है कि वे निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रशासक नियुक्त करे।
प्रसासक तब नियुक्त किया जाता है जब कोई निकाय भंग की जाती है। उस स्थिति में भी सरकार को छः माह के भीतर चुनाव कराना आवश्यक होता है।
यहां इसका उल्टा है। निकायों ने अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है। लेकिन अभी तक चुनाव कराने का कार्यक्रम घोषित तक नही हुआ। ऊपर से निकायों में अपने प्रसासक नियुक्त कर दिए जो कि संविधान के विरुद्ध है। लोकसभा व विधानसभा के चुनाव निर्धारित तय समय में होते हैं लेकिन निकायों के तय समय में क्यों नही। नियमानुसार निकायों के कार्यकाल समाप्त होने से छ महीने पहले चुनाव का कार्यक्रम घोषित हो जाना था, जो अभी तक नही हुआ।