निलंबित उच्चशिक्षा निदेशक डॉ. बीसी मेलकानी की अपील पर मंगलवार को दोपहर बाद उच्चशिक्षा कर्मियों ने एक सप्ताह के लिए बेमियादी हड़ताल स्थगित कर दी। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर निलंबन वापस नहीं लिया गया तो वे फिर हड़ताल पर चले जाएंगे। उधर, शासन की कार्रवाई के मुद्दे पर निदेशालय में आंदोलित कर्मियों की प्रभारी उच्चशिक्षा निदेशक से बहस भी हुई।
उच्चशिक्षा निदेशालय समेत महाविद्यालयों में दो फरवरी से कामकाज ठप होने पर शासन के सामने कर्मचारियों का आंदोलन समाप्त कराना चुनौती बन गई थी। शासन ने आंदोलन को कुचलने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली थी, साथ ही निलंबित उच्चशिक्षा निदेशक डॉ. मेलकानी को भी अपने स्तर से कर्मचारी संगठनों से वार्ता कर आंदोलन समाप्त कराने को कहा था। बताते हैं कि शासन स्तर पर भी निलंबित अधिकारियों को ही आंदोलन भड़काने के लिए जिम्मेदार माना जा रहा था।
इस पर निलंबित निदेशक डॉ. बीसी मेलकानी ने उच्चशिक्षा निदेशालय के कर्मचारी संगठनों से मंगलवार को फोन पर बात कर हड़ताल समाप्त करने की अपील की। इसके बाद गैर शिक्षक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने हड़ताल स्थगित करने का फैसला किया। दोपहर एक बजे बाद देहरादून से यहां गौलापार स्थित उच्चशिक्षा निदेशालय पहुंची प्रभारी निदेशक डॉ. सविता मोहन से सभी कर्मचारियों ने वार्ता की।
प्रभारी निदेशक को सौंपे पत्र में कहा गया कि उच्चशिक्षामंत्री द्वारा निलंबन वापसी के संबंध में डॉ. बीसी मेलकानी को दिए गए आश्वासन के क्रम में हड़ताल स्थगित की जा रही है। इस दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के संरक्षक बीडी शर्मा, चंद्रशेखर सनवाल, मोहन चंद्र भगत, सुरेंद्र सिंह रौतेला, डीएस बगडवाल, हिमांशु जोशी, कपिल कुमार, रितेश, प्रकाश पपनै आदि मौजूद रहे।
एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी में छात्रा मीमांशा आर्य को बीएससी प्रथम वर्ष में फेल होने के बाद उसी कक्षा में गलत ढंग से दाखिला देने के मामले में पहली फरवरी को शासन ने उच्चशिक्षा निदेशक डॉ. बीसी मेलकानी, एमबीपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगदीश प्रसाद, देवीधूरा के प्राचार्य डॉ. एएस उनियाल, एमबीपीजी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एनके लोहनी को निलंबित कर दिया था।
प्रवेश शुल्क लिपिक उपनल संविदा कर्मी दिनेश भाकुनी को हटाने के आदेश दिए थे। शासन की इस कार्रवाई से भड़के उच्चशिक्षा के मिनिस्टीरियल कर्मचारी दो फरवरी से आंदोलनरत थे।