गबन के आरोपी को बना दिया अन्ना हजारे के कार्यक्रम का समन्वयक

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ऋषिकेश।
ग्रामसभा गौहरी माफी के लोगों ने पूर्व प्रधान संजय पोखरियाल पर सरकारी धन के दुरुपयोग करने पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने पोखरियाल पर 25 लाख के गबन का आरोप साबित होने के बावजूद अन्ना हजारे के प्रस्तावित कार्यक्रम का उन्हें समन्वयक बनाए जाने पर सवाल उठाए हैं।
बीटीसी स्थित प्रेस क्लब कार्यालय में ग्राम प्रधान सरिता रतूड़ी के प्रतिनिधि योगेंद्र रतूड़ी और भगवंत संधू ने बताया कि गौहरी माफी के पूर्व प्रधान संजय पोखरियाल पर गांव में बाढ़ सुरक्षा के तहत तार-जाल लगाने के मामले में 24.87 लाख के गबन का आरोप साबित हो चुका है लेकिन डीएम के आदेश के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी ने पूर्व प्रधान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने बताया कि अन्ना हजारे के नाम से गठित भ्रष्टाचार विरोधी जन उन्मूलन न्यास, ऋषिकेश का संजय पोखरियाल को सदस्य बनाया गया है। जिस व्यक्ति पर भ्रष्टाचार का आरोप साबित हो चुका है वह व्यक्ति अन्ना के नाम पर संचालित संगठन का सदस्य कैसे हो सकता है।
उन्होंने प्रशासन से भ्रष्टाचार में संलिप्त पूर्व प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मौके पर देवेंद्र सेमवाल, पुरुषोत्तम दत्त रतूड़ी, मान सिंह कलूड़ा, आषाढ़ सिंह, जोत सिंह नेगी आदि मौजूद थे।
उधर गौहरीमाफी के पूर्व प्रधान संजय पोखरियाल का कहना है कि मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। यदि आरोप सही हैं तो मैं हर जांच और कार्रवाई का सामना करने को तैयार हूं। मुझे अन्ना हजारे के प्रस्तावित कार्यक्रम का समन्वयक मेरे जन सरोकारों से जुड़े कार्यों को देखकर बनाया गया है।

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