जल सुरक्षा में लापरवाही साबित हो सकती है घातक

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ऋषिकेश।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) डीवी सिंह ने देश में बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया है। सीएमडी का कहना है कि बड़े जलाशय वाले बांध जल सुरक्षा के लिए जरूरी है। बताया कि गत 15 वर्षों में बांधों का निर्माण नहीं हुआ है। हाइड्रो प्रोजेक्ट की बजाए रन ऑफ दी रिवर प्रोजेक्ट पर फोकस किया जा रहा है। उनका कहना है कि जल सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। इसमें लापरवाही घातक साबित हो सकती है।
बुधवार को टीएचडीसीआईएल के ऑफिसर्स क्लब में प्रेसवार्ता में सीएमडी डीवी सिंह पत्रकारों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं के नहीं बनने पर चिंता जाहिर की। बताया कि थर्मल, विंड और सोलर के मुकाबले हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट से जल संचय के साथ ही व्यापक स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलता है।
बताया कि बड़े जलाशय से पावर प्रोजेक्ट में बाढ़ के समय पानी स्टोर कर जानमाल की हानि को कम करने में भी सहायता मिलती है। डैम की डिजाइनिंग भी बाढ़ के लिहाज से की जाती है। सीएमडी ने इस पर वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा का हवाला देते हुए बताया कि टिहरी बांध में काफी पानी होने की वजह से ही मैदानी इलाकों में बाढ़ का ज्यादा दुष्प्रभाव नहीं रहा। केंद्र सरकार जल विद्युत परियोजनाओं के विकास को लेकर गंभीर है। सरकार इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने पर विचार कर रही है, जिसमें विभिन्न प्रकार की अनुमतियों के लिए समय सीमा भी तय किया जाना प्रस्तावित है।
इससे पूर्व महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन विजय गोयल ने टीएचडीसी की भावी योजनाओं और निर्माणाधीन परियोजनाओं की जानकारी दी। इस अवसर पर उपमहाप्रबंधक कार्मिक एवं केंद्रीय संचार डा. एएन त्रिपाठी, वरिष्ठ प्रबंधक केडीपी दुबे, उप प्रबंधक गौरव कुमार आदि मौजूद थे।

सस्ती बिजली के लिए सुधारों की जरूरत
ऋषिकेश। कारपोरेशन के सीएमडी डीवी सिंह ने सस्ती बिजली के लिए हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के निर्माण में ऋण और लाइफ में सुधार की जरूरत बताई है। बताया कि जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए बैंक 70 प्रतिशत ऋण उपलब्ध कराता है। करीब 13 साल में कमीशिनिंग शुरू कर बैंक को किश्त और ब्याज देना पड़ता है, इस समयसीमा को 25 से 30 वर्ष किए जाने की आवश्यकता है। हाइड्रो प्रोजेक्ट 30 से 35 वर्ष की अवधि के लिए बनाया जाता है, जबकि प्रोजेक्ट को 50 से 60 साल के लिए बनाया जाना चाहिए। इनमें सुधार होने से बिजली की दरों में काफी कमी आएगी और इसका लाभ आम जनता को प्राप्त होगा।

टिहरी में बनाया खुद का मौसम केंद्र
ऋषिकेश। टिहरी बांध के जलस्तर, प्रवाह, मौसम के पूर्वानुमान, मानसून आदि की जानकारी के लिए टीएचडीसीआईएल ने खुद का मौसम सूचना केंद्र स्थापित किया है। जिसमें बांध और आसपास के इलाकों में 16 स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इन्हें सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑपरेट किया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों के लिए सॉफ्टवेयर से जुड़ा एप बनाया गया है, जिससे उन्हें बांध और मौसम की पल-पल की अपडेट मिलती है, जिससे बेहतर जल प्रबंधन और प्रवाह आदि में कारपोरेशन को मदद मिल रही है।

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