हिमाचल काग्रेंस मे निष्कासनों को लेकर कांग्रेस में घमासान,सुक्खू के खिलाफ लामबंदी।

Spread the love

हिमाचल कांग्रेस से 6 सालों के लिए निष्कासित किए गए 37 नेताओं व पदाधिकारियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पार्टी की इस कार्रवाई को लेकर जहां एक खेमा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ  लामबंद है तो वहीं अब दूसरी तरफ  से सुक्खू के भी समर्थन में कुछ नेताओं ने खुलकर बोलना शुरू कर दिया है।

बीते दिनों कांग्रेस ब्लाक अध्यक्षों तथा ब्लाक पर्यवेक्षकों की बैठक में भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे नेताओं और पदाधिकारियों का मुद्दा जोर-शोर से उठा था। इसके साथ ही जिन नेताओं व पदाधिकारियों को संगठन से निष्कासित किया गया है, उनके खिलाफ ब्लाक व जिलाध्यक्षों के साथ ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की तरफ से पुख्ता साक्ष्य के साथ लिखित शिकायतें पार्टी को मिली थीं, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मामला दिल्ली हाईकमान को भेजा था। इसी कड़ी में हाईकमान की अनुशंसा मिलने के बाद ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने संबंधित नेताओं के निष्कासन पर मोहर लगाई है।

उना से एन एस यू आई के जिला अध्यक्ष करुण शर्मा के निलम्बन का मामला भी तूल पकता जा रहा है। एन एस यू आई हिमाचल ने अगाह किया यदि जिला अध्यक्ष करुण शर्मा के निलम्बन को वापिस न लिया गया तो प्रदेशभर में हिमाचल काग्रेंस जिला अध्यक्ष के पुतले फुंक कर विरोध् किया जाए्गा व भावी लोकसभा चुनाव में काग्रेंस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड सकता है।

युवा कांग्रेस व ढलियारा एनयसयूआई के नेता ने हमारे संवाददाता से कहा कि आज जो हमारे साथी व बड़े भाई करुण जी के साथ कांग्रेस पार्टी ने किया है , उक्त पार्टी कभी भी हमारे को भी पार्टी से निकाल सकती है। इसी को देखते हुए मैंने व मेरे साथियों व पदाधिकारियों ने भी अपना अपना पद छोड़कर कांग्रेस पार्टी से दूरी बनाने का मन बना लिया है। और तब तक कांग्रेस पार्टी की सेवा नही करेंगे जब तक कांग्रेस पार्टी ने काली भेड़ो को पार्टी से नहीं निकाला ।तब तक हम करुण भाई के साथ कंदे से कंधा मिलाकर साथ हैं। युवा कांग्रेस व ढलियारा एनयसयूआई सदैव आपके साथ है भाई जी । मेरी राहुल गांधी जी से मांग है कि जल्द एनयसयूआई के राज्य अधयक्ष करुण शर्मा जी को पार्टी में बापिस लिया जाए क्योकि वो वोटों से जीते हुए खिलाड़ी है । न कि उन्हें यह पद थोपा गया था।

पार्टी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए निष्कासित किए गए कुछ पदाधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी मामला हाईकमान के समक्ष उठाने की गुहार लगा चुके हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि वीरभद्र सिंह पूरे मसले को हाईकमान के समक्ष उठा सकते हैं ताकि पार्टी को लोकसभा चुनाव में किसी तरह का नुक्सान न उठाना पड़े। मुख्यमंत्री शुक्रवार को मणिपुर में थे, ऐसे में वह शिमला लौटने से पहले दिल्ली में पार्टी नेताओं से मिल सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *