उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल मदरसे में राष्ट्रीय ध्वज पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें मदरसे के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता का उद्घाटन काजी-ए-शहर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली नाजिम ने किया.
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के गणतंत्र की हिफाजत नौजवानों की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में अपने जैसे इंसान को गुलाम बनाने वाला सबसे बड़ा दहशतगर्द है. इस्लाम इंसान की गुलामी को नापसंद करता है. लिहाजा हमने अंग्रेजों से आजादी के लिए संघर्ष किया. इसमें काफी संख्या में लोगों ने खुशी-खुशी अपनी जान कुर्बान कर दी.
मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन कुर्बानियों को न भूलें और आपसी भाईचारा को बढ़ावा दें, ताकि हमारा देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ सके. इस दौरान उन्होंने नई पीढ़ी के लोगों को तिरंगे के इतिहास से अवगत कराया.
वहीं, शिया सेंट्रल बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने एक बार फिर पीएम मोदी को चिठ्ठी लिखकर सभी मदरसों में 26 जनवरी और 15 अगस्त को तिरंगा फहराना अनिवार्य करने की वकालत की. साथ ही बोर्ड ने कहा कि प्रतिदिन मदरसों में छात्रों के द्वारा राष्ट्रगान का गायन अनिवार्य हो.
पीएम को चिठ्ठी में वसीम रिजवी ने मदरसों में पढ़ रहे विदेशी छात्रों का सत्यापन कराने की भी मांग की है. बोर्ड ने कहा कि मदरसों की मॉनिटरिंग के लिए जिला और राज्य स्तर पर एक कमेटी बने, जो कि मदरसों पर नजर रख सके. सभी मदरसों के पाठ्यक्रम आईसीएसई/सीबीएसई या राज्य बोर्ड से जोड़े जाएं.
शिया सेंट्रल बोर्ड ने मांग की कि बच्चों को वहाबी और जेहादी शिक्षा से बचाने के लिए हमारे देश के क्रांतिकारियों के चैप्टर मदरसों के पाठ्यक्रम का हिस्सा हो ताकि वहां वहाबी और जेहादी मानसिकता को रोका जा सके.