सरकार ने साफ किया है कि स्वदेशी धनुष तोप में चीन के पार्ट्स लगने से इसकी गुणवत्ता पर कोई असर नहीं पड़ा है. दिल्ली की एक फर्म ने इस तोप के लिए मेड इन जर्मनी बताकर चीनी बियरिंग की आपूर्ति कर दी है, जिसकी सीबीआई जांच चल रही है. प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि भी हो गई है कि सिध सेल्स सिंडिकेट ने जिन बियरिंग की आपूर्ति की है, वे चीन में बने हैं.
गौरतलब है कि जबलपुर की गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ) ने दिल्ली के सिध सेल्स सिंडिकेट से 6 वायर रेस रोलर बियरिंग खरीदे थे. इनको स्वेदशी 155 एमएम, 45 कैलिबर तोपों में फिट किया गया है. इनके बारे में एक अज्ञात व्यक्ति ने शिकायत की थी कि ये बियरिंग वास्तव में चीनी हैं. जबकि परचेज ऑर्डर के मुताबिक फर्म ने बताया है कि यह बियरिंग उसने जर्मनी की सीआरबी फर्म से मंगाए हैं.
हालांकि अब सरकार का कहना है कि इनकी क्वालिटी को लेकर कोई नकारात्मक बात सामने नहीं आई है. राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में सोमवार को रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने कहा, ‘ओबीएफ ने सिध सेल्स सिंडिकेट के साथ सभी तरह के बिजनेस डीलिंग पर रोक लगा दी है. बियरिंग की गुणवत्ता को लेकर कोई विपरीत टिप्पणी नहीं आई है.’
आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड (OFB) ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया है. ओएफबी ने इस फर्म के साथ अब किसी तरह के कारोबारी डीलिंग पर रोक लगा दी है. धनुष असल में स्वीडन के 155 एमएम बोफोर्स होवित्जर तोपों के डिजाइन के आधार पर ही बनाया गया उन्नत स्वेदशी संस्करण है. इसकी मारक क्षमता 40 किमी तक होती है. इसका निर्माण जबलपुर के आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड द्वारा किया जाता है.
फर्म ने साल 2014 के अप्रैल, मई और अगस्त महीने में इन बियरिंग की आपूर्ति की थी. सीबीआई ने सिध सेल्स सिंडिकेट पर आपराधिक षडयंत्र का आरोप लगाते हुए कुछ अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी के लिए एफआईआर दर्ज किया है.