रुद्रपुर, आशाओं के सम्मेलन में सम्मान और उत्थान की बात तो की गई, लेकिन उनकी आर्थिक तरक्की के बारे में किसी ने कुछ नहीं बोला। सम्मेलन खत्म होते ही सामने दिखे एसीएमओ को आशाओं ने घेर लिया और काफी समय से मानदेय न मिलने की शिकायत की। इस बार भी उनको सिर्फ आश्वासन ही मिला।
एक होटल में आयोजित आशा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में मेयर, सीएमएस और अन्य अतिथियों ने आशाओं को बढ़चढ़ कर सम्मान से नवाजा भी। लेकिन किसी ने भी उनकी पीड़ा को नहीं समझा। सम्मेलन के बाद आशा फेसिलेटरों ने संख्या अधिकारी मनीष अग्रवाल को आता देखा तो उनको घेर लिया और उनसे मेहनताना दिलाने को बातचीत की, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका। आखिरकार आशाओं को ज्ञापन तक ही अपनी बात सीमित रखनी पड़ी।