गैरसैण को उत्तराखण्ड की स्थायी राजधानी बनाने के लिए युवाओ ने मांगी भीख , प्राप्त हुए 542 रुपये सरकार को सौंप दिए जाएंगे

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गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के तहत युवाओ ने आज देहरादून के गाँधी पार्क से लेकर घंटाघर तक गैरसैण को राज्य की राजधानी बनाने के लिए सड़कों पर भीख मांगी. उत्तराखंड सरकार के कुछ मंत्रिओं द्वारा विगत दिनों बयानबाजी में कहा कि गैरसैण को राजधानी बनाने में भरी भरकम बजट खर्च होगा तथा उत्तराखंड सरकार के पास बजट की भारी कमी है इसलिए गैरसैण राजधानी बनाना काल्पनिक है. देश में उत्तराखंड अकेला ऐसा राज्य है जो 17 साल गुजर जाने के बाद भी अभी तक अपने राज्य की स्थायी राजधानी के लिए तरस रहा है. बिना राज्य की राजधानी गैर संविधानिक है. उत्तराखंड की सत्ता को शीघ्र राज्य की राजधानी जनभावनाओं की कद्र करते हुए अबिलम्ब गैरसैण घोषित करनी चाहिए. छात्र नेता सचिन थपलियाल ने कहा कि युवाओ ने हुंकार भरते हुआ सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार 20 मार्च से चलने वाले आगामी बजट सत्र में गैरसैण को राजधानी घोषित नहीं करेगी तो हम मुख्यमंत्री सहित विधायकों, मंत्रियों सहित सत्ता से हुकमरानों का घेराव करेंगे.

गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के तहत गैरसैण राजधानी के समर्थन में रविवार 18 मार्च को देहरादून के आराघर पुलिस चौकी से स्थाई विधान सभा भवन तक विशाल जन चेतना रैली का आयोजन किया गया है. इसमें छात्रों, आंदोलनकारियों, युवाओ सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा स्थाई विधान सभा पहुंचकर गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने का प्रस्ताव पारित करने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौपा जायेगा।

देवेंद्र नेगी ने कहा कि जब आम जनता लोगो से भीख मांग सकती है तो प्रदेश के मुखिया c.m. देश के प्रधानमंत्री से क्यों नही स्थायी राजधानी के लिए बजट मांग सकते है।
भीख मांगने वालो में सचिन थपलियाल, लुशुन टोडरिया, बॉबी पंवार, सतीश धौलखंडी, देवेंद्र नेगी,गिरींश रावत, सुनील रावत, वीरेश चौधरी, विपुल गौड़, सूरज गुसाईं, प्रकाश गौड़, गणेश धामी, सूरज

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