देहरादून के प्रेमनगर समेत निकटवर्ती गांव के छेत्रो में पिछले कुछ दिनों से लगतार जानवरो के कंकाल मिलने की ख़बर आ रही है ओर अब हाल में ही चाय बागान में कट हुया गौवंश मिलने से हिन्दू संगठनों का गुस्सा सातवे आसमान पर है। और हो भी क्यों ना गौ माता हिंदुयों की आस्था का प्रतीक है। कटे हुए गौवंश की सूचना मिलने पर जब बजरंगदल के सदस्य मौके पर पहुंचे तो गौवंश की हालात देख कर सभी भड़क उठे और दूसरे समुदाय के खिलाफ नारेबाजी शुरू करदी जिसकी सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष प्रेमनगर एवं वसंतविहार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। मामले की जांच की बात कह कर पुलिस ने बजरंगदल के कार्यकर्ताओं को शांत कराया और हिन्दू रीति रिवाज से गौवंश का अंतिम संस्कार किया। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि आखिर इस तरह की घटना देहरादून में हो क्यों रही हैं। ये किसी विशेष समुदाय की भावना आहत करने के लिए किया जा रहा है या वजह आगामी चुनाव से माहोल बनाने की है ।
बजरंगदल का कहना है की गोवंश के दो हिस्से ऐक्सिडेंट से नहीं हो सकते इसलिए ये जाँच का विषय है कोई जान- भूझ कर यह कृत्य कर रहा है …. वजह कुछ भी हो अगर ये कार्य कोई कर रहा है तो इतना तो साफ दिखाई दे रहा है कि कोई तो है जो देहरादून को सुलगाना चाह रहा है। लेकिन क्या इस तरह के मामलों को दबाना एक बड़ी अनहोनी को न्योता नही दे रहा।शासन एवं प्रशासन को इस विषय को गम्भीरता से लेते हुए उचित कार्यवाही करनी चाहिए ।