आज रुपया फिर से गिर कर अपने नीचे स्तर 73.10 पैसे पर पहुँच गया इसके क्या मुख्य कारण हैं जानिए
तेल के बढ़ते दाम :- भारतीय रुपये के लगातार कमजोर होने का सबसे बड़ा और प्रमुख कारण कच्चे तेल के बढ़ते दाम हैं। भारत कच्चे तेल का सबसे बडे इम्पोर्ट में से एक है। कच्चे तेल के बढ़ते दाम भारत के आयात बिल और राजकोषीय स्थिति पर बुरा असर डालते हैं। यहीं नहीं वर्तमान में देश में निर्यात के मुकाबले आयात भी बढ़ा है जो रुपये की कमजोरी के पीछे मुख्य कारण बनकर उभर रहा है। रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक भारत का करेंट अकाउंट डेफिसिट 2017 के मुकाबले 2018 में 15.1 बिलियन डॉलर से बढ़कर 46-48 बिलियन डॉलर तक जा पहुंचेगा।
अमेरिकी बॉन्ड के गिरते दाम :- अमेरिका में बॉन्ड के गिरते दाम भी भारतीय रुपये के गिरने के पीछे मुख्य कारण हैं। क्योंकि भारतीय स्टॉक मार्केट पर अमेरिका बाजार का असर बहुत तक है, लिहाजा अमेरिका में हो रही तमाम अार्धिक गतिविधियों का असर भारतीय रुपये पर पड़ता नजर आ रहा है।
विदेशी निवेशकों का भय :- विदेशी निवोशक इस वक्त भारतीय बाजार को लेकर असमंजस में नजर आ रहे हैं। निवेशक अपने इक्विटी और बॉन्ड बेंट रहे हैं, जिसका असर भारती रुपये पर पड़ता दिखाई दे रहा है।
कमजोर होते रुपये का भारतीय बाजार पर क्या असर होगा ?
कमजोर होते रुपये का भारतीय बाजर और कंपनियों पर बुरा असर पड़ेगा। कमजोर रुपये के चलते फॉरेन करेंसी डेब्ट में डूबी कंपनियों की स्थिति कमजौर होगी, और वो कर्ज लेने पर मजबूर होंगी। अगर इस तरह की इधारी को नहीं रोका गया तो हालात बद से बद्दतर भी हो सकते हैं। यहीं नहीं इससे इम्पोर्ट की कॉस्ट बढ़ेंगी, जिससे आयातकों को नुकसान पहुंचेगा। पहले ही देश में लेटर ऑफ अंडरटेकिंग बैन होने से आयात की स्थिती कमजोर हो चुकी है।