फेसबुक आईडी हैकर और फर्जी आईडी बनाकर परिचितों से किसी बहाने से रुपयों की मांग करने वाले अपराधी अब पुलिस की नजरों से बच नहीं पाएंगे। साइबर सेल विशेषज्ञों ने ठगों का पता लगाने का तरीका ढूंढ लिया है। फेसबुक यूजर को आईडी हैक होने पर यूआरएल साइबर सेल कार्यालय को देना होगा। फिर फेसबुक में ऑनलाइन शिकायत करने के बाद ठगों की पहचान हो सकेगी।
इंटरनेट का उपयोग जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से साइबर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं। ज्यादातर ठगी ऑनलाइन खरीदारी और नेट बैंकिंग के नाम पर हो रही हैं। साइबर ठगों ने कुछ समय से ठगी का एक नया तरीका निकाल लिया है।
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अब वह लोगों की फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर उनके परिचितों से रुपयों की मांग कर रहे हैं। शुरुआत में बड़ी संख्या में लोग ठगों के झांसे में आए थे। हालांकि मामले बढ़ने के साथ लोगों के जागरूक हो जाने से ठगी के मामलों में इधर कुछ हद तक कमी आई है।
विशेषज्ञों ने फेसबुक की मदद लेनी शुरू कर दी है
फेसबुक आईडी हैक करने के मामले को लेकर साइबर सेल विशेषज्ञों ने फेसबुक की मदद लेनी शुरू कर दी है। लोगों की आईडी हैक होने पर उनसे यूआरएल और ठगों को दिए गए बैंक अकाउंट नंबर को मांगा जा रहा है।
इन दोनों नंबरों को फेसबुक के अमेरिका में कैलिफोर्निया स्थित ऑफिस को भेजा जा रहा है। वहां से साइबर सेल को आईपी एड्रेस दिया जा रहा है। इस नंबर के आधार पर साइबर विशेषज्ञ टेलीकॉम कंपनियों से संपर्क कर मोबाइल नंबरों को ट्रेस कर रहे हैं।
इससे ठगों का नाम और पता मिलेगा। साइबर सेल विशेषज्ञ आनंद कश्मीरा और चंदन बिष्ट ने लोगों से अपील की है कि वह आईडी हैक होते ही आईडी से जुड़े लोगों को जानकारी दे दें। इससे ठगी का शिकार होने से बचा जा सकेगा।