पिछले दिनों डीजीपी ने स्मार्ट पुलिसिंग की परिभाषा को गढ़ते हुए छह समितियां गठित की थीं। इन समितियों में से कुछ ने इस सप्ताह के शुरूआत में डीजीपी को सुझाव सौंपे थे। जबकि, बाकी समितियों ने शुक्रवार को डीजीपी को विभिन्न सुझावों की लिस्ट दी। इस पर इन अधिकारियों के साथ डीजीपी अशोक कुमार ने शुक्रवार रात को विचार विमर्श किया था। इनमें एक अहम सुझाव पुलिस की स्मार्ट वर्दी को लेकर भी सामने आया है।
अधिकारिक सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि पुलिस अब जल्द ही सीपीयू की तरह स्मार्ट वर्दी पहन सकती है। हालांकि, रंग में बदलाव नहीं किया जाएगा। लेकिन, उनके पास वह सब चीजें होंगी, जो सीपीयू के जवानों के पास होती हैं। इनमें छोटी बेटन (डंडा), पिस्टल आदि लगे होते हैं। इसके साथ ही उन्हें बॉडी वॉर्न कैमरा भी पहनाया जाएगा।
चीता, बीट कांस्टेबल के लिए नई बेल्ट व पिस्टल देने की योजना .
सीपीयू जिस बेल्ट को पहनती है उसे कंप्लीट टेक्टिकल बेल्ट कहा जाता है। इस बेल्ट में पिस्तौल, बेटन, दस्तावेज, मोबाइल व अन्य गैजेट रखने के पाउच लगे होते हैं। इस बेल्ट का बकल इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि उसे एकदम से खोला जा सके। शुरूआत में यह टेक्टिकल बेल्ट चीता पुलिस और बीट कांस्टेबलों के लिए जरूरी की जा सकती है। सिटी पुलिस को 9एमएम पिस्टल देने की योजना पर पुलिस पहले से ही काम कर रही है। मुख्यालय स्तर पर इस पर विचार किया जा रहा है कि सिपाहियों के कंधे से भारी भरकम राइफलों का बोझ हटाया जा सके। डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि सिटी में पुलिस को लॉन्ग रेंज के हथियारों की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में उन्हें छोटे हथियार ही दिए जाने चाहिए। इससे उनकी गतिशीलता बढ़ जाती है।