IMF यानी कि International Monetary Fund की चीफ economist, गीता गोपीनाथ ने अपने वक्तव्य में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए इन कृषि कानूनों की वजह से किसान आमदनी बढ़ने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने बताया कि इन कानूनों से किसानों के लिए बाजार और ज्यादा संभावनाएं खुलेंगे और वे अपनी फसल मंडी के अलावा भी अन्य जगहों पर बेच पाएंगे और उन्हें टैक्स भी अदा नही करना पड़ेगा जिसके बाद किसानों की आमदनी ही बढ़ेगी।
हालांकि उन्होंने एक सलाह भी दी। वे बोलीं,”जब भी कुछ नया रिफॉर्म, सरकार द्वारा पारित किया जाता है तब उसे जमीनी स्तर पर लाने तक कि कुछ कीमत चुकानी पड़ती है। साथ ही सरकार को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इसके कारण कुछ कमज़ोर किसान वर्गों पर बुरा प्रभाव ना पड़े”। किसान कानूनों के पारित होने से पहले और पारित हो जाने के बाद से लेकर कई अर्थशास्त्रियों ने इन कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद बताया है लेकिन इसके बाद भी कई किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस पर किसान संगठनों के द्वारा ट्रैक्टर रैली की गयी थी जिसमें कई जगहों पर पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुई। प्रदर्शनकारियों की भीड़ लाल किले में भी घुस आई और यहां कुछ लोगों ने सिक्खों का पवित्र ध्वज लहरा दिया जिसके बाद से ही सोशल मीडिया में एक तूफान सा आ गया।