बजट:- उत्तराखंड को मिली प्रतिवर्ष 17969 करोड़ की बड़ी सौगात।

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देहरादूनः खराब माली हालत और बढ़ते खर्च से जूझते उत्तराखंड को 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के रूप में बड़ा तोहफा मिला है। इस पहाड़ी राज्य को अगले 5 वित्तीय वर्षों तक आयोग ने 89845 करोड़ की राशि देने की सिफारिश की है। इसके अमुसार उत्तराखंड राज्य को लगभग 17969 करोड़ की धनराशि प्रतिवर्ष केंद्र सरकार से मिलेगी। राज्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 2021-26 तक राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 28,147 करोड़ की राशि मंजूर की गई है।

कोरोनाकाल में अब तक 400प करोड़ का घाटा उठा चुके उत्तराखंड को 15वें वित्त आयोग की अगले 5 वित्तीय वर्ष की सिफारिशें बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार ने अपने अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट के साथ आयोग की सिफारिशों को भी मंजूरी दे दी। इस मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कोशिशें रंग लाई हैं। मुख्यमंत्री ने 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह से मुलाकात कर कई बार राज्य का पक्ष रखा । राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों में इस हिमालयी राज्य के सीमित आर्थिक संसाधन, पर्यावरणीय चुनौती के चलते विकास गतिविधियों पर पड़ने वाले विपरीत असर का उल्लेख किया गया। उत्तराखंड ने हिमालय कान्क्लेव आयोजित कर पर्यावरण की रक्षा में अहम भूमिका निभाने वाले सभी 11 हिमालयी राज्यों के पक्ष को आयोग के समक्ष मजबूती से रखा था। आयोग ने इन सभी तथ्यों का मूल्यांकन कर राज्य को राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की है। इससे राज्य को अगले पांच वर्षों तक हर वर्ष औसतन 5629 करोड़ की राशि मिलेगी। इससे पहले आयोग ने चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए उत्तराखंड के लिए 5076 करोड़ की राशि बतौर राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश की थी। केंद्र से मंजूर यह अनुदान राज्य को हर महीने मिल रहा है। हालांकि अगले वित्तीय वर्ष में दी जाने वाली ये अनुदान राशि हर वित्तीय वर्ष में क्रमशः घटती जाएगी। सबसे ज्यादा 7772 करोड़ वित्तीय
वर्ष 2021-22 में राज्य को मिलेंगे।

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