उड्यार संस्था देहरादून के एनीमेटर भूपेंद्र सिंह कठैत और राहुल मैठाणी ने इस फिल्म में एनीमेशन का काम किया है। सात मिनट की इस शॉर्ट एनीमेशन फिल्म में 18वीं शताब्दी के यूरोपियन चित्रकार वेन गॉग की पेंटिंग से प्रेरणा लेकर फ्रेमिंग और कंपोजिशन की गई है।
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एसबीआई पंतनगर ब्रांच में फील्ड ऑफिसर के पद पर कार्यरत और सिताबपुर कोटद्वार निवासी दीपक रावत ने एक शॉर्ट एनीमेशन फिल्म ‘कशमकश’ बनाई है। उत्तराखंड की पहली शॉर्ट फिल्म ने तीन महीनों में ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में धमाल मचा चुकी है। अगस्त में रिलीज यह फिल्म अब तक राष्ट्रीय स्तर पर आठ पुरस्कार जीत चुकी है। इसके अलावा चाइना और लंदन समेत कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने के बाद पुरस्कार के लिए भी चयनित हुई है।
उड्यार संस्था देहरादून के एनीमेटर भूपेंद्र सिंह कठैत और राहुल मैठाणी ने इस फिल्म में एनीमेशन का काम किया है। सात मिनट की इस शॉर्ट एनीमेशन फिल्म में 18वीं शताब्दी के यूरोपियन चित्रकार वेन गॉग की पेंटिंग से प्रेरणा लेकर फ्रेमिंग और कंपोजिशन की गई है। फिल्म के लेखक और निदेशक दीपक रावत ने बताया कि यह शॉर्ट फिल्म एक दंपती पर केंद्रित है जिसमें प्रसव के बाद पत्नी की मौत हो जाती है।
पत्नी की मौत के बाद पति के कशमकश को दर्शाया गया है कि वह बच्चे के आने की खुशी मनाए या जिसके साथ उसने जीवन के सपने संजोए थे उसकी मौत का गम। जुलाई के अंत में केंद्रीय सेंसर बोर्ड से प्रमाणित यह फिल्म अभी तक विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी है और कई पुरस्कार अपने नाम कर चुकी है।
दीपक रावत ने बताया कि नैनीताल फिल्म फेस्टिवल, पांडिचेरी मोक्खो फिल्म फेस्टिवल, पिंक सिंटी जयपुर फिल्म फेस्टिवल, बेहाला (कोलकाता) फिल्म फेस्टिवल, मड हाउस पंजाब फिल्म फेस्टिवल, संगरुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, गंगटोक इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, वन लिप इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, श्रीनगर कश्मीर फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित हो चुकी है और श्रीनगर को छोड़कर राष्ट्रीय स्तर पर आठ पुरस्कार भी जीत चुकी है। जबकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंदन फिल्म फेस्टिवल, चाइना इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल, हेल्थ फिल्म फेस्टिवल में भी प्रदर्शित हो चुकी है और पुरस्कार के लिए चयन की लाइन में है।