देहरादून में छपी थी भारत के संविधान की पहली प्रति, आज भी है सुरक्षित

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गणतंत्र दिवस को हर हिंदुस्तानी लोकपर्व के रूप में मनाता है. ऐसे में यह जानना भी ज़रूरी है कि देश के निवासियों को नागिरक अधिकार देने वाला दुनिया के सबसे मजबूत संविधान छपा कहां था. आम धारणा के विपरीत संविधान की पहली प्रति दिल्ली नहीं देहरादून में छपी थी.

देहरादून में मौजूद सर्वे ऑफ इंडिया के नॉर्दर्न प्रिंटिंग ग्रुप में संविधान की पहली प्रति रखी है.

देहरादून में 1767 में अंग्रेज़ों के बनाए सर्वेयर जनरल ऑफ इंडिया के कैंपस में विभाग की चार प्रिंटिंग ग्रुपों (नार्दर्न, ईस्टर्न, साउदर्न और वेस्टर्न प्रिटिंग ग्रुप) में से नार्दन प्रिटिंग ग्रुप का ऑफ़िस और प्रिटिंग प्रेस है.

इसी प्रेस को भारत के संविधान की पहली प्रति छापने का गौरव हासिल हुआ था. इस प्रेस की प्रिंटिंग मशीन नंबर नौ ने भारत को गणतंत्र बनाने वाले दस्तावेज़ की पहली प्रतियां छापी थीं ताकि सबको पता चल सके कि देश की संसद ने उन्हें क्या अधिकार दिए हैं और उनके लिए क्या कर्तव्य तय किए हैं.

इस प्रिंटिंग मशीन में फोटोलीथोग्राफिक तकनीकी से कैलिग्राफी कर भारतीय संविधान की पहली एक हज़ार प्रतियां छपी थीं. लकड़ी के विशाल परिसर में शान से खड़ी नौ नम्बर की मशीन पर अब छपाई नहीं होती लेकिन यह काम अब भी करती है.

सर्वे ऑफ़ इंडिया के नॉर्दर्न प्रिंटिंग ग्रुप का आज का कोई भी कर्मचारी उस ऐतिहासिक क्षण का गवाह नहीं है लेकिन इस मशीन के पास आते ही सबके सीने गर्व से चौड़े हो जाते हैं क्योंकि सभी को इस संस्थान, इस मशीन से संबंध एक बड़ी उपलब्धि का अहसास कराता है.

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