उत्तराखंड के शांत क्षेत्रों में ध्वनि के मानकों की सीमा के बाहर प्रेशर हॉर्न, लाउडस्पीकर बजाकर या अन्य वजहों से ध्वनि प्रदूषण करने वालों पर जुर्माना लगेगा। पहली बार में नियम तोड़ने पर एक हजार से 20 हजार, दूसरी बार में 2500 से 30 हजार और तीसरी बार में 5000 से 40 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा।
जुर्माना व्यक्तिगत, धार्मिक उत्सवों, मनोरंजन कार्यक्रमों, सांस्कृतिक उत्सवों के संचालन, होटल, भोजनालयों, विवाह समारोह हॉल, औद्योगिक इकाइयों व खनन कार्यों की श्रेणी के आधार पर वसूला जाएगा। शांत, आवासीय, वाणिज्यक व औद्योगिक जोन के हिसाब से ध्वनि की सीमा तय कर दी गई है। शुक्रवार को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इसके तहत पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रस्ताव में ध्वनि प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण) नियम में यह प्रावधान किया गया है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने वीडियो संदेश से कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैबिनेट में 12 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है।
किस जोन के लिए कितनी डेसिबल सीमा
जोन दिन के समय रात के समय
शांत जोन 50 40
आवासीय 55 45
वाणिज्यिक 65 55
औद्योगिक 75 70
नोट: (दिन में सुबह छह से रात 10 बजे, रात में 10 से सुबह छह बजे)
पहले उल्लंघन पर जुर्माना
व्यक्ति से एक हजार, मनोरंजन संचालक से पांच हजार, होटल संचालक से 10 हजार व औद्योगिक एवं खनन संचालक से 20 हजार जुर्माना।