भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संगठन पदाधिकारियों को जल्द सरकार में दायित्वों से नवाजा जा सकता है। सीएम कार्यालय के स्तर से अप्रैल के दौरान हटाए गए सभी दायित्वधारियों का ब्यौरा तलब किए जाने से दायित्व वितरण की चर्चा को बल मिल रहा है। शुक्रवार को सचिव-सीएम शैलेश बगौली ने सभी विभागों से उनके अधीन कार्यरत आयोग, निगम, परिषद में दायित्व के पदों की रिपेार्ट मांगी है। अधिकारियों को इसके लिए 15 जून तक ही वक्त दिया गया है। दरअसल, विधानसभा चुनावों को पूर्व भाजपा संगठन वरिष्ठ नेताओं को दायित्व देने के पक्ष में है। सीएम तीरथ रावत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से इस बाबत चर्चा भी कर चुके हैं।
लिहाजा सीएम इसके के बाद दायित्व वितरण का फैसला ले सकते हैं। उधर, देर शाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में हुई बैठक में भी दायित्वों के आवंटन पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि संगठन की तरफ से जल्द सरकार को नाम सौंपे जाएंगे। मालूम हो कि गत 10 मार्च को प्रदेश की कमान संभालने के बाद सीएम ने कई नए फैसले लिए और कई पुराने फैसलों का पलटा भी है। त्रिवेंद्र सरकार के दायित्वधारों को हटाना भी इसमें शामिल है।
दो अप्रैल को सीएम के निर्देश पर सभी आयोग, निगम व परिषदों में तैनात किए गए दायित्वधारियों का हटाने का आदेश किया गया था। इसमें केवल संवैधनिक पदों पर नियुक्त दायित्वधारियों को नहीं छेड़ा गया था। हटाए गए दायित्वधारियों की संख्या 120 के करीब थी। बगौली ने सभी अधिकारियों से पूछा है कि दो अप्रैल के आदेश के अनुसार अब तक कितने दायित्व हट चुके हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार आगे निर्णय लेगी।
हाईकमान की मुहर के बाद दायित्व
मुख्यमंत्री तीरथ रावत दायित्व वितरण पर अंतिम फैसले से पहले पार्टी हाईकमान से चर्चा करने दिल्ली जाएंगे। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री रविवार को दिल्ली जाकर दायित्व आवंटन पर चर्चा कर सकते हैं। हाईकमान की हरी झंडी के बाद ही दायित्वों का आवंटन किया जाएगा।