कोरोना के चलते लंबे ब्रेक के बाद पेंशनरों का ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से सत्यापन किया गया। कुछ पेंशनरों का जीवित प्रमाणपत्र अपडेट न होने और बैंकों का मर्जर होने से बदलने आईएफएससी कोड के चलते अगस्त माह की पेंशन अटक गई है। इसके चलते पेंशनरों को ट्रेजरी के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
शासन की ओर से कोरोनाकाल में पेंशनरों को जीवित प्रमाणपत्र जमा करने में छूट दी गई थी। दूसरी लहर में कोरोना के तेजी से कम होते मामलों के बीच पेंशनरों का सत्यापन फिर से शुरू किया गया। पेंशनर ने बताया कि सत्यापन शुरू होने के बाद उनकी ओर से ट्रेजरी में जीवित प्रमाण पत्र जमा किया गया था। अगस्त की पेंशन उनके खाते में जमा नहीं हुई। ऐसे में वह ट्रेजरी के चक्कर काट रहे हैं। जिले के मुख्य कोषाधिकारी रोमिल चौधरी ने बताया कि पेंशनरों का सत्यापन ऑनलाइन और ऑफलाइन व्यवस्था पर तेजी से चल रहा है। ऑनलाइन माध्यम से सत्यापन करते हुए एक भी बिंदु छूटने पर सत्यापन पूरा नहीं होता और पेंशन अटक जाती है। उधर, बैंकों के विलय के बाद बदले आईएफएससी कोड से भी पेंशन का भुगतान अटक सकता है। हालांकि 99 फीसदी पेंशनरों का सत्यापन किया जा चुका है। कुछ पेंशनर बचे हैं उनकी सूचना मिलने पर तुरंत सत्यापन किया जा रहा है। जिससे पेंशनरों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।