महानगर कांग्रेस अध्यक्ष श्री लाल चंद षर्मा के नेतृत्व में कांग्रेसजनों नें पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री राजीव गंाधी जी की जयंती को सद्भावना दिवस के रूप में मनाते हुए कैंट विधानसभा क्षेत्रांतर्गत द्रोण पुरी मंें पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी जी की 77 वीं जयंती के अवसर पर कांग्रेसजनों ने स्कूली बच्चों को पठन पाठन सामाग्री बांटकर मनाया।
कांग्रेसजनों ने बच्चों को पुस्तकें, पेंसिल, रबड़ आदि वितरित किये तथा सभी को मिष्ठान बांटे।
सबसे पहले स्व0 गांधी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए तथा उसके उपरांत वक्ताओं ने अपने विचार रखे तथा स्व0 गांधी के देश और समाज के लिए किये गए कार्यों को याद किया।
महानगर कांग्रेस अध्यक्ष श्री लाल चंद षर्मा नें कहा कि राजीव गांधी जी ने ही आधुनिक भारत की नींव रखी थी और उनकी दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है कि आज भारत संचार क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उन्होनें विद्यार्थियों को महापुरुषों के बताए हुए मार्ग पर चलकर अच्छे कार्य करने तथा एक जिम्मेदार नागरिक बनने की बात कही, 18 साल की उम्र में नौजवान युवाओं को वोट देने का अधिकार देकर राजीव जी ने उन्हें उनके अनुसार नेतृत्व स्थापित करने का अधिकार दिया।उन्होंने कहा कि कांग्रेसजन समाज के हर तबके के बीच जाकर सामाजिक चेतना जगाने का कार्य करेंगे।
उन्होनें सभी का धन्यवाद अर्पित करते हुए समय समय पर ऐसे आयोजन कराते रहने की बात कही जिससे बच्चों का मनोबल बना रहे।
उन्होनें कहा की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व0 श्री राजीव गांधी ने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार देने का कदम उठाया. 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की उम्र सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई. इससे 18 वर्ष के करोड़ों युवाओं को अपने सांसद, विधायक से लेकर अन्य निकायों के जनप्रतिनिधि चुनने का अवसर मिला।
उन्होनें कहा बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने के मकसद के साथ स्व0 श्री राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की शुरआत की. इन आवासीय विद्यालयों की प्रवेश परीक्षा में सफल होने वाले मेधावी बच्चों को यहां प्रवेश मिलता है. बच्चों को छह से 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है. तथा वर्तमान समय में देश में खुले 551 नवोदय विद्यालयों में लाखों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। स्व0 श्री राजीव गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में भी अहम कदम उठाए. उनकी सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की. इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार करने की कोशिशें हुईं।
आज भारतीय महिलाएं देष के विकास में अपनी सहभागिता निभा रही हैं उन्होंने देश को शक्तिशाली व सम्पन्न राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करते हुए भारत की एकता व अखण्डता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था।
इस दौरान सर्व श्री मुकेष चैहान, राहुल पंवार रौबिन, मीना रावत, मंजुला तोमर, केवल पुंडिर, पंकज, देवेन्द्र, सुनिल, अमित, राजीव, मोहित, मंथन, छोटू, संदीप, हरेन्द्र चैधरी आदी उपस्थित थे।