Ankita Murder Case: ऋषिकेश में अंकिता भंडारी की हत्या की खबर से सनसनी फैली हुई है। उत्तराखंड SDRF ने शनिवार की सुबह अंकिता भंडारी का शव ऋषिकेश की चिल्ला नहर से बरामद कर लिया है। SDRF के प्रवक्ता ने अंकिता भंडारी के शव को चिल्ला नहर से बरामद किए जाने की पुष्टि की है। वहीं, मामले की जांच अब एसआईटी करेगी।
शनिवार सुबह ऋषिकेश अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल ने कहा कि मृतक के भाई और पिता मेरे साथ थे और उन्होंने शव की शिनाख्त की है। बैराज में मिला शव अंकिता भंडारी का है। SDRF अधिकारी ने कहा कि सुबह 7 बजे सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। हमें यहां एक महिला का शव मिला जिसको निकाला गया। उसके परिजन शिनाख्त के लिए यहां आए थे। परिजनों द्वारा बताया गया है कि वो अंकिता भंडारी का ही शव है। शव को ऋषिकेश के एम्स ले जाया गया है।
मामले में एसआईटी का गठन
मामले में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आज बेटी अंकिता का शव बरामद कर लिया गया। इस हृदय विदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में SIT का गठन कर इस गंभीर मामले की गहराई से जांच के भी आदेश दे दिए हैं।
आरोपियों के गैर कानूनी रूप से बने रिजॉर्ट पर बुल्डोजर द्वारा कार्रवाई भी कल देर रात की गई है। हमारा संकल्प है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
आपको बता दें कि पांच दिनों से लापता अंकिता भंडारी की नहर में धकेल कर हत्या की गई। यह खुलासा करते हुए पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर रिजॉर्ट के संचालक पूर्व राज्यमंत्री के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य व उसके दो मैनेजरों को गिरफ्तार कर लिया। अंकिता की शव तलाशने के लिए पुलिस ने एसडीआरएफ की मदद ली। चीला नहर का पानी बंद कराया लेकिन शाम तक उसका शव बरामद नहीं किया जा सका।
एएसपी कोटद्वार शेखर सुयाल ने शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पौड़ी गढ़वाल के नांदलस्यूं पट्टी के श्रीकोट निवासी अंकिता भंडारी (19) वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। वह गत 18 सितंबर को रहस्मय ढंग से लापता हो गई थी।
रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य की ओर से उसकी गुमशुदगी राजस्व पुलिस चौकी में दर्ज कराई गई। बृहस्पतिवार तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया था। इसके बाद जब पुलिस ने जांच की तो रिजॉर्ट के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई।
रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भाष्कर के साथ रिजॉर्ट से गई थी। इसके बाद करीब साढ़े दस बजे ये तीनों ही रिजॉर्ट में लौटे। अंकिता उनके साथ नहीं थी। इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सारे घटनाक्रम को उगल दिया।
उन्होंने पुलिस को बताया कि अंकिता पर वह यहां आने वाले ग्राहकों से संबंध बनाने को कहते थे। यह बात अंकिता सबको बता रही थी। वह बार-बार रिजॉर्ट की हकीकत सामने लाने की धमकी दे रही थी। इस बात को लेकर विवाद चल रहा था। घटना वाले दिन दो अलग-अलग वाहनों पर चारों लोग चीला बैराज के पास गए। वहां पर उन्होंने फास्टफूड के साथ शराब पी। इसके बाद आगे चले और नहर किनारे रुक गए। यहां पर पुलकित और अंकिता का फिर से झगड़ा होने लगा।
इस बीच अंकिता ने पुलकित का मोबाइल फोन छीनकर नहर में फेंक दिया। इस बात पर पुलकित को गुस्सा आ गया और उसने अंकिता को नहर में धक्का दे दिया। अंकिता ने दो बार पानी से ऊपर आकर बचाने की आवाज लगाई। मगर, तीनों डर गए और वहां से भागकर रिजॉर्ट में आ गए। यहां पर उन्होंने कर्मचारियों को इस तरह से बताया कि अंकिता अपने कमरे में है। कुछ देर बाद तीनों ही राजस्व पुलिस चौकी में गुमशुदगी दर्ज कराने चले गए।
एएसपी ने बताया कि लंबी पूछताछ के बाद पुलकित आर्य (निवासी स्वदेशी भवन, आर्यनगर, ज्वालापुर हरिद्वार), अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता आर्य (निवासी दयानंद नगरी, ज्वालापुर, हरिद्वार) और सौरभ भास्कर (निवासी सूरजनगर, ज्वालापुर, हरिद्वार) को हत्या, साक्ष्य छुपाने आदि के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। इधर, शुक्रवार देर शाम तक चीला नहर में अंकिता के शव को तलाश किया गया था। एसडीआरएफ ने आज शव को बरामद कर लिया।
शनिवार सुबह अंकिता का शव मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस हृदय विदारक घटना से मन अत्यंत व्यथित है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में SIT का गठन कर त्वरित जांच के भी आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऋषिकेश में अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को लेकर कोटद्वार न्यायालय जा रही जीप को गंगा भोगपुर के आक्रोशित लोगों ने रोक लिया। लोगों ने जीप के शीशे तोड़कर आरोपियों के कपड़े फाड़ दिए और उनकी जबरदस्त पिटाई कर दी। यही नहीं लोगों ने गाड़ी को पलटने की कोशिश भी की। करीब 45 मिनट बाद एएसपी शेखर सुयाल मौके पर पहुंचे और लाठीचार्ज करवा भीड़ को मौके से भगाया।
लक्ष्मणझूला थाने से पुलिस टीम आरोपियों कोटद्वार न्यायालय में पेश करने के लिए जा रही थी। इस दौरान किसी व्यक्ति ने गंगा भोगपुर में लोगों को यह सूचना दी के आरोपियों को नहर किनारे से ले जाया जा रहा है। यहां स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता पहले से घटना को लेकर आक्रोशित थे।
जैसे उनको यह सूचना मिली कि करीब 300 लोग जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे सीधा वनंत्रा रिजार्ट से नहर की सड़क की ओर चल पड़े। लोगों ने सामने से आ रही पुलिस जीप को रोक दिया। महिलाओं और बच्चों ने जीप पर पथराव शुरू किया। इस बीच लोगों ने पत्थरों से पुलिस जीप के शीशे तोड़ दिए। लोगों जीप को पलटकर नहर में गिराने की कोशिश भी की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए।
इस बीच लोगों ने जीप की खिड़की से आरोपियों के कपड़े फाड़ दिए और फिर उन पर लात, घूंसे, चप्पल और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। पुलिस की सूचना पर करीब 45 मिनट बाद एएसपी शेखर सुयाल मौके पर पहुंचे। उनके साथ देवप्रयाग थाना पुलिस की फोर्स भी थी। शेखर सुयाल ने लोगों ने समझाया, जब वह नहीं माने तो उन्होंने लोगों पर लाठी चार्ज कर दिया। लोगों ने पुलिस पर पथराव भी किया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। लेकिन आखिरकार पुलिस लोगों को मौके से खदेड़ दिया। इसके बाद जीप को कोटद्वार की ओर रवाना किया गया।
बता दें कि लापता युवती अंकिता भंडारी की हत्या के आरोप में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री के बेटे सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने विवाद के बाद अंकिता को चीला शक्ति नहर में धक्का देने की बात कबूली है। वहीं नहर में पानी बढ़ने के चलते एसडीआरएफ को युवती का कुछ पता नहीं चल पाया। इससे पहले आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए युवती के रिजॉर्ट से लापता होने की बात कहते हुए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।