देहरादून में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कमलप्रीत अरोड़ा (कौर) ने हाल के दिनों में उनके विरुद्ध प्रसारित भ्रामक एवं एकतरफा खबरों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि “मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म्स ने बिना मेरा पक्ष जाने, तथ्यों से परे खबरें चलाकर मेरी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने का प्रयास किया है। इसलिए आज मैं स्वयं साक्ष्यों सहित सच्चाई आपके सामने रख रही हूँ।”
झूठ फैलाने वालों पर गंभीर आरोप
कमलप्रीत कौर ने दावा किया कि जिन लोगों ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं, वे स्वयं कई गंभीर मामलों में नामजद हैं। उन्होंने क्रमवार उन मामलों का विवरण साझा किया:
FIR संख्या 0288/2019, थाना नेहरू कॉलोनी, देहरादून — आरोपित: राजकुमार छाबड़ा व उनके परिवारजन आरोप: ₹9 लाख की ठगी, विश्वासघात, गाली-गलौज व धमकी। FIR संख्या 0329/2019, थाना पटेल नगर, देहरादून — आरोपित: राजकुमार छाबड़ा आरोप: ₹4 लाख की धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी, धाराएँ: Prize Cheats and Money Circulation Scheme (Banning) Act, 1978 की धारा 4 व 5। FIR संख्या 0428/2024, थाना पटेल नगर — आरोपित: राजकुमार छाबड़ा एवं तीन परिवारजन धाराएँ: BNS की धारा 115(2), 352, 79 — अभद्र भाषा, झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी व मानसिक उत्पीड़न।
“झूठे मुकदमे का पर्दाफाश अदालत ने किया”
उन्होंने बताया कि राजकुमार छाबड़ा द्वारा उनके खिलाफ एक झूठा मुकदमा संख्या 2498/2025 न्यायालय प्रथम अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, देहरादून में दायर किया गया, जिसमें उन पर ज़मीन कब्जाने का निराधार आरोप लगाया गया था।
“मा० न्यायालय ने 17 जुलाई 2025 को अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि यह केवल एक सामान्य विवाद है, कोई संज्ञेय अपराध नहीं बनता। यानी अदालत ने खुद माना कि यह मामला दबाव बनाने की कोशिश थी,” — उन्होंने कहा।
यह आदेश मा० न्यायाधीश श्री संजीव कुमार द्वारा पारित किया गया था।
एमडीडीए के अधिकारी के नाम पर झूठे आरोप
कमलप्रीत कौर ने कहा कि उनके खिलाफ एमडीडीए के एक अधिकारी श्री निशांत (JE) के साथ “गठजोड़” का भी झूठा आरोप लगाया गया, जबकि उन्होंने केवल एक बार उन्हें अपना आवेदन सौंपा था ताकि प्रशासन तक शिकायत पहुँचे।
“मैंने कभी किसी से व्यक्तिगत या गलत सहयोग नहीं लिया। परंतु राजकुमार छाबड़ा ने कभी जमीन को राज्य संपत्ति बताया, कभी सिंचाई विभाग की, और कभी गुरु राम राय संस्था की — यानी हर बार कहानी बदल दी,” उन्होंने कहा।
“लोगों में भय फैलाना इनका हथियार”
कमलप्रीत कौर ने बताया कि स्वर्गीय जसपाल सिंह (70 वर्ष) ने अपने जीवनकाल में राजकुमार छाबड़ा के खिलाफ शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया था कि —
“राजकुमार छाबड़ा और उनके बेटे हमें जान से मारने की धमकी देते हैं, और कहते हैं कि पुलिस व प्रशासन भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”
उन्होंने कहा कि गुरप्रीत कौर, कशिश भंडारी, तारा राजपूत, गोपाल चौपड़ा और मंजू चौपड़ा जैसे अन्य लोगों की शिकायतें भी इसी तरह के पैटर्न पर दर्ज हुई हैं, जहाँ पत्रकारिता की आड़ में दबाव और ठगी के प्रयास किए गए।
“मैं सच्चाई के पक्ष में खड़ी हूँ”
कमलप्रीत कौर ने कहा —
“मैं हर सवाल का जवाब देने को तैयार हूँ। मैं किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सच्चाई के पक्ष में खड़ी हूँ। झूठ और दुष्प्रचार के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।”
उन्होंने समाज और मीडिया बिरादरी से सवाल किया कि —
“क्या ऐसे लोग जो पत्रकारिता के नाम पर ठगी और धमकी का कारोबार कर रहे हैं, उन्हें मंच और सम्मान मिलना चाहिए? क्यों निष्पक्ष पत्रकारों की साख इन जैसे लोगों की वजह से धूमिल हो रही है?”
“पत्रकारिता की असली मर्यादा दोबारा स्थापित हो”
अंत में उन्होंने कहा कि —
“मैं चाहती हूँ कि पत्रकारिता की असली मर्यादा — सत्य, संतुलन और जवाबदेही — पुनः स्थापित हो। यही मेरी लड़ाई और आज की प्रेस वार्ता का उद्देश्य है।”
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कमलप्रीत अरोड़ा (कौर)
देहरादून