उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार देहरादून आए केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा के साथ वन, पर्यावरण और संस्कृति विभागों के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इसमें कई मुद्दों के अलावा प्रदेश में तीन नये संग्रहालय और साइंस सिटी की स्थापना का निर्णय लिया गया.
दोनों ही नेताओं ने उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की जीवन पर 11 करोड़ की लागत से एक संग्रहालय, टिहरी में भागीरथी नदी के निकट 20 करोड़ की लागत से एक गंगा संग्रहालय और अल्मोड़ा में उदय शंकर अकादमी में एक संग्रहालय निर्माण के लिए अपनी सहमति दी.
देहरादून में केन्द्र की मोदी सरकार की ओर से सौ फीसद वित्त पोषित एक विशाल साइंस सिटी पर दोनों नेताओं ने सहमति जताई है. राज्य सरकार द्वारा साइंस सिटी के लिए भूमि को भी चयनित कर लिया गया है.
त्वपूर्ण माने जाने वाले कंडी मार्ग को लेकर भी बात कर रास्ता निकालने के लिए कहा गया है. पर्यावरण जैसे मुद्दों की वजह से हमेशा से उलझते आये कंडी मार्ग पर गंभीरता दिखाते हुए इस का समाधान करने को लेकर भी दोनों के बीच बात हुई.
सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से बात कर बताया है कि राज्य सरकार कंडी मार्ग के लिए ग्रीन रोड सहित सभी पर्यावरण अनुकूल विकल्पों पर काम कर रही है. वाईल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट सहित अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं की सलाह भी ली जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कंडी मार्ग को उत्तराखण्ड की जनता और यहां के पर्यटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री से बात होने को लेकर भरोसा जताते हुए कहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर वन क्षेत्र से सम्बंधित विषय पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को अधिकार प्रदान किए जाने पर विचार किया जा रहा है.
नई योजना के लिए बाकायदा 190 करोड़ रुपये देने का वादा कर केंद्रीय राज्यमंत्री महेश शर्मा ने अन्य जिलों में भी ऐसी ही योजना लाकर साइंस सिटी के लिए कदम उठाने को कहा है. इसके लिए 30 करोड़ तक पैसा भी केन्द्र के द्वारा दिया जाएगा.
वन विभाग के मुद्दों पर चर्चा
वन विभाग के भी विभिन्न मुद्दों पर त्रिवेंद्र सिंह और महेश शर्मा के बीच काफी लंबी और
सकारात्मक बातचीत हुई. इसमें महेश शर्मा ने अगले दो सप्ताह के भीतर सभी मुद्दों पर केन्द्रीय वन मंत्रालय और उत्तराखण्ड के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर ठोस कार्रवाई का भरोसा दिया है.
प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले कंडी मार्ग को लेकर भी बात कर रास्ता निकालने के लिए कहा गया है. पर्यावरण जैसे मुद्दों की वजह से हमेशा से उलझते आये कंडी मार्ग पर गंभीरता दिखाते हुए इस का समाधान करने को लेकर भी दोनों के बीच बात हुई.
सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मीडिया से बात कर बताया है कि राज्य सरकार कंडी मार्ग के लिए ग्रीन रोड सहित सभी पर्यावरण अनुकूल विकल्पों पर काम कर रही है. वाईल्ड लाइफ इन्स्टीट्यूट सहित अन्य विशेषज्ञ संस्थाओं की सलाह भी ली जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कंडी मार्ग को उत्तराखण्ड की जनता और यहां के पर्यटन के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया जिसमें केन्द्रीय राज्य मंत्री से बात होने को लेकर भरोसा जताते हुए कहा है कि अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के 100 किलोमीटर के भीतर वन क्षेत्र से सम्बंधित विषय पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार को अधिकार प्रदान किए जाने पर विचार किया जा रहा है