नए मुख्य चुनाव आयुक्त बने ओम प्रकाश रावत को बेहद कड़क और नियम कायदे से चलने वाले प्रशासनिक अफसर माना जाता है। उनकी अगुवाई में त्रिपुरा सहित कई विधानसभाओं के चुनाव होने हैं। फिजिक्स में ग्रेजुएट ओपी रावत 1977 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और 2013 में रिटायर हुए थे। रावत ने अपने करियर की शुरूआत मध्यप्रदेश के सरगुजा जिले से सहायक कलेक्टर के तौर पर की थी। वे नरसिंहपुर और इंदौर के कलेक्टर भी रहे हैं। इससे साथ ही उन्होंने कई सरकारी विभागों में प्रमुख सचिव के रूप में कार्य कर चुके है। बाद में वे भारत सरकार में भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव भी बने थे, इसी के साथ ही ओपी रावत रक्षा मंत्रालय में मई 93 से जून 98 तक पहले संचालक फिर ज्वाइंट सेक्रेट्री रहे, इस बीच उनके साथ जानलेवा घटना घटी, जब उन्हें कार से कुचलकर मारने की कोशिश की गई। कार एक्सीडेंट के बाद ओपी रावत जब तक रक्षा मंत्रालय में रहे उन्होंने सरकारी गाड़ी का उपयोग नहीं किया. हमले की आशंका हमेशा ही बनी रहती थी. वे दिल्ली में सिर्फ डीटीसी के बस से ही सफर करते थे।
ओपी रावत का जन्म यूपी के झांसी जिले में हुआ था, लेकिन उनका परिवार उत्तराखण्ड के गढ़वाल का रहने वाला है। उनके दादा उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ गांव के मूल निवासी थे और नौकरी के सिलसिले में यूपी आ गए थे। ओपी रावत को देवभूमि के पहाड़ों से खासा लगाव है और वे छुट्टियों में अक्सर वहां की यात्रा करते रहते हैं।