देहरादूनः ग्लेशियर टूटने से आपदा की जद में आए सीमांत जिले चमोली के तपोवन में टनल में फंसी 34 जिंदगियां बचाने को चल रहा रेस्क्यू आपरेशन पांचवें दिन गुरुवार को दो दफा बाधित हुआ। टनल के नीचे सिल्ट फ्लशिंग टनल (एसएफटी) तक ड्रिलिंग के लिए बुधवार रात शुरू किया गया अभियान 10 घंटे बाद न केवल रोकना पड़ा, बल्कि उसके बाद पुराने ढंग ही दोबारा रेस्क्यू शुरू किया गया है। इसके तीन घंटे बाद दोपहर करीब दो बजे धौलीगंगा में जलस्तर बढ़ने की सूचना के चलते टनल में बचाव कार्य बीच में ही रोक दिया गया। तकरीबन डेढ़ घंटे बाद स्थिति सामान्य रहने की जानकारी मिलने पर रेस्क्यू आपरेशन सुचारु हुआ। दो और मिले। कुल 36 शव मिल चुके हैं, शिनाख्त 10 की ही हो पाई है। 168 व्यक्ति लापता हैं। पहली बार आपदा में 184 पशुहानि की सूचना दी गई। वहीं, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाने का काम जारी रहा। गुरुवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर
पीड़ित परिवारों की ढाढस बंधाया।
ड्रिलिंग मशीन खराब
एसएफटी मुख्य टनल से 12 मीटर नीचे होने का अनुमान था, लेकिन बाद में इसके 17 मीटर नीचे होने की जानकारी सामने आई। बीती रात्रि करीब एक बजे से एसएफटी के लिए मुख्य टनल में ड्रिलिंग शुरू की गई थी। बताया गया कि कठोर चट्टान और मजबूत स्ट्रक्चर में ड्रिलिंग के चलते मशीन खराब हो गई। नतीजतन सुबह करीब 11 बजे ड्रिलिंग के काम को अनुपयुक्त मानते हुए रोक दिया गया।
सुरक्षित स्थान पर भेजी गई टीम
आनन-फानन में इस काम में जुटे कार्मिकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया । इस दौरान अलकनंदा का जलस्तर 952.10 मीटर रहा। यह खतरे के निशान 957.42 मीटर से कम रहा। एयरफोर्स के हेलीकाप्टर से प्रभावित गांवों और ग्लेशियर के समीप उस स्थान तक सर्वेक्षण किया गया, जहां से चट्टान वहिमखंड टूटकर ऋषिगंगा में गिरे थे। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि जल स्तर बढ़ने से रोका गया बचाव कार्य फिर चालू कर दिया गया है ।
रेस्क्यू टीम हौसले से जुटी
रिव्यू टीम के हौसले इस बापा के बाद पता नहीं हुए। इसके बाद दोवार टनल से मलवा हटाने का काम प्रारंभ किया गया। इस बीच दोपहर करीब दो बने रैणी गांव से ऋषिगंगा और धौलीगंगा में जल तर बढ़ने की सूचना आने पर रेखा आपरेशन रोक दिया गया।
दो और शव मिले
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक 168 लोग अभी लापता है। गुरुवार को दी और शव मिले। अज्ञात शवों का डीएनए सैपल सुरक्षित रखा जा रहा है। उपर मढ़वाल मंडलायुक्त सविनाथ मन ने बताया कि मृतकों के स्वजनों को मुआवजा वितरण शुरू कर दिया गया है।