चकबंदी अधिकारी अमर सिंह ने तैयार की थी 143 की फर्जी रिपोर्ट

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भूमि मुआवजा घोटाले में बाजपुर तहसील की एफएसएल रिपोर्ट से एसआईटी को घोटाले करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अहम साक्ष्य मिलने लगे हैं। एफएसएल जांच में 143 की गलत रिपोर्ट में निलंबित पीसीएस एनएस नगन्याल के हस्ताक्षर होने की पुष्टि हुई थी। वहीं, मंगलवार को चकबंदी अधिकारी अमर सिंह की ओर से 143 की गलत रिपोर्ट बनाने की पुष्टि जांच रिपोर्ट में हो गई है। एक चकबंदी राजस्व निरीक्षक के भी फर्जी हस्ताक्षर रिपोर्ट में हैं। इसके बाद अब अमर सिंह की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।

बाजपुर तहसील में तत्कालीन चकबंदी अधिकारियों ने पिछली तारीख में काश्तकारों की जमीनों की 143 रिपोर्ट तैयार की थी। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर अधिकारियों ने काश्तकारों की भूमि का 143 कर करोड़ों का मुआवजा निर्धारण कर दिया। मामले की पड़ताल के लिए एसआईटी ने 143 की रिपोर्ट में किए गए हस्ताक्षरों को जांच के लिए एफएसएल देहरादून भेजा था। इसमें निलंबित पीसीएस अधिकारी एनएस नगन्याल द्वारा 143 की गलत रिपोर्ट में हस्ताक्षर करने की पुष्टि हुई थी। मंगलवार को एफएसएल रिपोर्ट का अध्ययन करने पर इस बात का भी खुलासा हो गया कि तत्कालीन चकबंदी अधिकारी अमर सिंह की ओर से 143 की गलत रिपोर्ट तैयार की गई थी।

बीते माह में एसआईटी की पूछताछ के दौरान अमर सिंह ने बताया था कि 143 की रिपोर्ट में उनके हस्ताक्षर नहीं है। लेकिन, उनके द्वारा पिछली तिथियों में 143 की रिपोर्ट बनाने की पुष्टि हो गई थी। इसके चलते एसआईटी ने जनवरी में पीसीएस अधिकारी अनिल शुक्ला और प्रभारी तहसीलदार संतराम के साथ ही अमर सिंह की गिरफ्तार के लिए भी दबिश दी थी। तब पैर में चोट होने के कारण अमर सिंह को गिरफ्तार नहीं किया गया था।

मंगलवार को एफएसएल रिपोर्ट में अमर सिंह के हस्ताक्षर होने से इस बात का खुलासा हो गया है कि अमर सिंह ने 143 की फर्जी रिपोर्ट तैयार की थी। इसके आधार पर जल्द ही एसआईटी अमर सिंह को गिरफ्तार कर सकती है। एक चकबंदी राजस्व निरीक्षक के भी एफएसएल रिपोर्ट में फर्जी हस्ताक्षर मिले हैं। अब एसआईटी इस फर्जी हस्ताक्षर करने वाले को तस्दीक करने में जुटी है।

एसडीएम कांडा से हुई पूछताछ 

मुआवजा घोटाले की जांच के लिए पूछताछ के क्रम में मंगलवार को एसआईटी ने गदरपुर की तत्कालीन तहसीलदार रिंकू बिष्ट से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। रिंकू बिष्ट वर्तमान में कांडा (बागेश्वर) में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। जांच को आगे बढ़ाने के लिए एसआईटी ने किच्छा तहसील के दस्तावेजों की जांच पड़ताल भी शुरू कर दी है।

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